वहां जितने भी बड़े-बड़े बिजनेसमैन बैठे थे सभी की नजरिया सुहाना पर टिकी हुई थी।
सुहाना को बहुत अजीब लगा रहा था ।
उसकी नज़रें जमीन में घड़ी हुई थी उसने अपना सर ऊपर ही नहीं किया था ।
तभी गंगाबाई सारे बिजनेसमैन से कहती है ""अब आप सब बोली लगाइए एक रात के लिए बोली शुरू होती है । ₹100000 से ।
तभी वहां सब बोलि लगाने लगता हैं ।
एक बिजनेसमैन 3 लाख बोलता है ।
तो दूसरा सेट 5 लाख तक बोली चाली जाती है ।
तभी गंगा बाई कहती है 5 लाख के 5 लाख दो ।
तभी अचानक से वहां आवाज आती है 10 लाख रुपए ।
10 लाख आवाज सुनकर सभी सेट लोग मुड़कर देखते हैं और गंगाबाई की आंखें भी चमक होती है ।
उनकी नज़रें भी गेट पर जाती है ।
जहां अमन हाथ में मोबाइल लिए हुए अंदर इंटर करता है ।
गंगाबाई अजीब तरह से मुस्कुराती है और और आगे आते हुए कहती है "" अमन शेठ आपका ही इंतजार था । आपने तो इस लड़की का दाम
आसमान पर पहुंचा दिया।
तभी अमन की नजर सुहाना पर पड़ती है । सुहाना जिसने लाल साड़ी पहनी हुई थी । उसकी खूबसूरती देखके अमन भी हैरान् था क्युकी कोठे पे आज से पहले इतनी खूबसूरत लड़की नही देखी थी उसने ।
सुहाना ने नजर उठाकर अमन को अभी भी नहीं नहीं यह देखा था ।
अमन् की नजरें सुहाना पर थी फिर वह गंगा बाई से कहता है"" पैसे आपको मिल जाएंगे अब मैं इस लड़की को यहां से ले जा सकता हूं ।
तो गंगाबाई मुस्कुरा कर कहती है "" अरे आप हमारे कोठे पर आए यही सबसे बड़ी बात है । आज तक आपने जितने भी लड़की आपके साथ लेकर गई है सभी की किस्मत बदल गई है । आप इसे ले जा सकते हैं ।
गंगाबाई सुहाना के पास आती है फिर उसके कान के पास आकर कहती है"" तुम पहले बार किसी के साथ जा रही हो ।
ध्यान रखना इस े बहुत खुश करदेना । अगर यह खुश हो गया तो हमारे कोठे की सबकी जिंदगी बदल जाएगी ।
तो सुहाना जिसकी नजर जमीन पर थी उसने अभी तक अमन को नजर उठा कर भी नहीं देखा था ।
वह गंगा बाई को कुछ नहीं कहती ।
तो गंगाबाई आगे आकर सुहाना का हाथ पकड़ कर उसे अमन के पास लाती ।
और अमन के हाथ पर उसका हाथ रख के े कहती है ""आज रात के लिए यह लड़की आपकी हुई ।
यह आज रात आपकी है । सुबह इसे हमारे पास सही सलामत छोड़ देना । क्योंकि यह हमारे कोठे का डायमंड है ।
अमन की नजर से सुहाना के चेहरे पर थी ।
वह सुहाना को देखकर गंगाबाई से कहता है ""फिक्र मत कीजिए .।
सुबह मैं इसे सही सलामत यहां छोड़ कर चला जाऊंगा ।
यह कहकर अमन सुहाना का हाथ पकड़ कर उसको वहां से लेकर चला जाता है ।
सुहाना बस अपनी नज़रें झुकाए हुए चल रही थी ।
उसे कुछ भी उसे कुछ भी नहीं पता था। कि वह किसके साथ जा रही है । वह बस एक रोबोट की तरह कर झुका कर चल रही थी ।
तकरीबन अमन उसको गाड़ी के पास लाकर दरवाजा खोलकर उसे गाड़ी में बैठा देता है । और फिर खुद गाड़ी वहां से निकाल जाता है ।
सुहाना को बिल्कुल भी होश नहीं था ।
तकरीबन 30 मिनट बाद अमन गाड़ी अपने पेंट हाउस में लेकर चला जाता है ।
फिर वह गाड़ी से उतरता है ।
और सुहाना के पास आकर गाड़ी का दरवाजा खोलकर सुहाना से कहता है"" अब तुम उतरोगि । या यही बैठने का इरादा है ।
तभी सुहाना अपनी नजर उठाती है ।
और उसकी नज़रें अमन को देखति हैं ।तो वह हैरानी से अमन को देखने लगती है क्योंकि उसने पहले बार किसी मर्द को इतना हैंडसम देखा था ।
वरना कोठे पर तो अजीब अजीब मर्द आते थे । वैसे भी गंगाबाई उसको लगभग कमरे में बंद करके रखती थी । उसने बहुत कम मर्दो को देखा था ।
आज वह पहले बार इतने हैंडसम मर्द को देख रही थी । इसीलिए वह बिना पलक जपए पलक झपकाये अमन को देखने लगती है ।
सुहाना को ऐसे खुद को देखते हुए देख अमन के चेहरे पर ना चाहते हुए भी हल्की सी मुस्कुराहट आ जाती है ।
वह झुक कर सुहाना के होठों के पास आकर कहता है ""अभी ही प्यार करोगी । या अंदर जाकर प्यार करोगि ।
यह सुनकर सुहाना एकदम से होश में आती है और अपनी पर अपनी नज़रें झुका लेती है ।
और फिर बिना कुछ कहे चुपचाप से गाड़ी से बाहर निकाल जाती है।
अमन उसको पेंट हाउस के अपने बेडरूम में लेकर चला जाता है ।
सुहाना जैसे ही बेडरूम को देखति हैं तो । उसकी आंखें फटी की फटी रह जाति है।
कोठे पर वह बस एक मामूली से कमरे में रहती थी ।
जहां एक छोटा सा बेड होता था ।
लेकिन यह बेडरूम तो एक आलीशान बेडरूम था ।
जिसे देखकर हैरानी से सुहाना बेडरूम देखने लगती है । तभी उसके कानों पर अमन की आवाज आती है " कपड़े उतारो ।
और बेड पर चली जाओ ।
जैसे ही सुहाना यह सुनती है उसके हाथ पैर ठंडे हो जाते हैं ।
उसको समझा में नहीं आ रहा होता है कि कपड़े उतार कर बेड पर क्यों जाना है ।
क्या करेगी अब सुहाना ?
Sbhi se req h saport kro vives bht km h aur follow me plz
Rose
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